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Log Kya Kahenge

by Tushar Goel

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Description

इस किताब को मेने अपने अब तक के अनुभवों से लिखा है । जो देखा जो सीखा वो आज आप सब के सामने एक किताब के जरिए प्रस्तुत कर रहा हूँ । लोग क्या कहेंगे एक ऐसा शब्द है । जिसका हम सभी लोग अपने जीवन काल मे सामना करते है । इतने सारे लोग लगातार इसी बात में फंसे हुए हैं । कि लोग क्या कहेंगे अगर उन्होंने एक निश्चित तरीके से काम किया, हम युवा पीढ़ी किसी भी नए काम को करने से डरते है । मैं ऐसा करूँ या वो करूँ तो लोग क्या कहेंगे…? अगर मैं उससे प्यार करता/करती हूँ तो लोग क्या कहेंगे…? अगर मैं उसे डेट करूं तो लोग क्या कहेंगे…? अगर मैं इस कोर्स को पढ़ूंगा तो लोग क्या कहेंगे…? मैं उससे बात करूँ तो लोग क्या कहेंगे…? खाली दिल रो दूं तो लोग क्या कहेंगे…? अगर मैं इस तरह से कपड़े पहनूंगा तो लोग क्या कहेंगे? लेकिन अंदाज़ा लगाओ कि क्या हम सच में लोगो के लिए जी रहे है । जब हम जीवित रहने के लिए लोगों की राय नहीं पूछते हैं, फिर हम क्यों अपने नए काम को करने से पहले उनके सवालो के बारे में सोचते है। जब आप इसे कुछ गंभीर विचार देते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि आप लोगों के लिए नहीं जी रहे हैं, इसलिए, मैं कहूंगा, लोगों के लिए अभिनय करना बंद करो। आगे बढ़ो और प्यार करो, चलो, बात करो, यात्रा करो, नृत्य करो और इस बारे में चिंता किए बिना खुश रहो कि दूसरे क्या सोचेंगे। यह पुस्तक आपको यह बताएगी कि दूसरे आपके बारे में क्या सोचेंगे, इस पर ध्यान दिए बिना स्वतंत्र रूप से अपना जीवन कैसे जिएं। हमेशा याद रखें कि ज्यादातर बार “जिन्हें बुरा लगता है, वे मायने नहीं रखते और जो मायने रखते हैं, वे बुरा नहीं मानते”।

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